Dr. Kumar Vishwas Biography
Dr. Kumar Vishwas उत्तर प्रदेश के Gaziabad के पिलखुवा में एक गौड़ ब्राह्मण परिवार से हैं। उनका जन्म 10 फरवरी 1970 को Dr. Chandra Pal Sharma और Smt. Rama Sharma के यहां सबसे छोटे बच्चे के रूप में हुआ था। उनके पिता R.S.S. Degree College, Pilkhuwa के Professor थे जो की मेरठ के Chaudhary Charan Singh University से संबद्ध है। उनकी मां Housewife हैं। Kumar Vishwa के तीन भाई और एक बहन है। उनकी स्कूली शिक्षा Lala Ganga Sahay School, पिलखुवा में शुरू हुई और उसके बाद उन्होंने पिलखुवा के Rajputana Regiment Inter College से अपना इंटरमीडिएट पूरा किया। डॉ। कुमार विश्वास के पिता चाहते थे कि Kumar Vishwas एक इंजीनियरिंग बने, लेकिन कविता के प्रति उनकी लगन ने उन्हें हिंदी साहित्य में post-graduation डिग्री दिलाई। उन्होंने हिन्दी साहित्य विषय में P.hd भी की है।
M.A. और Ph.D पूरा करने के बाद . हिंदी साहित्य में, Dr. Kumar Vishwas ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1994 में राजस्थान में एक प्रोफेसर के रूप में की। पिछले सोलह वर्षों से, वह Lala Lajpat Rai College में काम कर रहे हैं, उच्च कक्षाओं के छात्रों को हिंदी साहित्य पढ़ाते हैं। एक हिंदी कवि के रूप में, वह महान ऊंचाइयों पर पहुंचे और खुद को श्रृंगार-रस (Romaintic शैली) के कवि के रूप में अपनी एक पहचान बनाई। उनकी अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में TV Serial के विभिन्न शीर्षक गीतों के लिए penning lyrics शामिल हैं, जो विभिन्न पत्रिकाओं और कई अन्य प्रकाशनों के लिए नियमित लेखन के रूप में काम करते हैं, और विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर भी जैसे की Common people, प्रसिद्ध नेताओं, पत्रकारों, बिजनेस टायकून और प्रसिद्ध हस्तियों ने सभी को एक कवि और लेखक के रूप में स्वीकार किया है और उनकी सराहना भी की है। उनकी आवाज़ में कविताओं का उपयोग प्रमुख टेलिकॉम ऑपरेटरों द्वारा उनकी caller tunes के रूप में किया जाता है। उन्होंने अपने आगामी उपक्रमों में lyrics, script, story and dialogues और संवाद लिखने के लिए बॉलीवुड और टेलीविजन प्रोडक्शन हाउस के कुछ प्रतिष्ठित बैनर के साथ अनुबंध किया।
एक कवि के रूप में उनके लाइव प्रदर्शन में पारंपरिक सेट-अप से अधिक स्टाइलिश लोगों के लिए संगीत समर्थन, फैंसी प्रकाश, प्रोजेक्टर स्क्रीन डिस्प्ले और स्पॉट लाइट्स हैं जो प्रदर्शन के मूड और वातावरण को बढ़ाते हैं
एक परफ़ॉर्मिंग कवि के रूप में उनके युग ने पारंपरिक सेट-अप से संगीत शैली के समर्थन, fancy lighting, projector screen displays और spot lights के साथ अधिक स्टाइलिश एक रूप में परिवर्तन देखा है जो प्रदर्शन के मूड और वातावरण को बढ़ाता है।
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है – कुमार विश्वास
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है ! Lyrics – Dr. Kumar Vishwas
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है !
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!
मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है !
कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !!
समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नहीं सकता !
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नहीं सकता !!
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले !
जो मेरा हो नहीं पाया, वो तेरा हो नहीं सकता !!
भ्रमर कोई कुमुदुनी पर मचल बैठा तो हंगामा!
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा!!
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का!
मैं किस्से को हकीक़त में बदल बैठा तो हंगामा!!
Koi Deewana Kehta Hai Lyrics
Koi deewana kehta hai, koi pagal samajhta hai,
Magar dharti ki bechaini ko bas badal samajhta hai
Main tujhse door kaisa hoon, tu mujhse door kaisi hai
Ye tera dil samajhta hai ya mera dil samajhta hai..
Mohbbat ek ehsaason ki pawan si kahani hai
Kabhi Kabira deewana tha, kabhi meera deewani hai
Yahan sab log kehte hain meri aankhon main aasoon hain
Jo tu samjhe to moti hain, jo na samjhe to paani hain
Ye ansoon pyar ka moti hai isko kho nahi sakta
Meri chahat ko dulhan tu bana lena magar sunle
Jo mera ho nahi paya wo tera ho nahi sakta
Hamare dil main koi khwaab pal baitha to hungama
Abhi tak doob ke sunte sab kissa mohhabat ka
Main kisse ko haqeekat main badal baitha to hungama